महत्व – पंचमुखी अवतार का काफी महत्व है , हनुमान जी के पांचो मुख पांच अलग-अलग दिशाओं में हैं एवं इनके अलग अलग महत्व है।
वानर मुख और गरुड़ मुख – वनकर मुख पूर्व दिशा में है और ये दुश्मनों पर विजय प्राप्त कराता है। गरुड़ मुख पश्चिम दिशा में हैं और इसका महत्व यह हैं की ये जीवन में आ रही रुकावटों को दूर करता है और परेशानियों का नाश करता है।
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अश्व मुख – अश्व मुख ऊपर की और आकाश की दिशा में है और यह हर मनोकामनाएं पूर्ण करता है। हनुमान जी की पंचमुखी प्रतिमा को हमेशा दक्षिण दिशा में लगाना चाहिए।
By Neeru Rajput